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Thursday, April 28, 2011

मत चुको चौहान.................

सामान्यत: सभी को जीवन में सफलता और सुख के लिए कई मौके मिलते हैं। कुछ लोग सही अवसर को पहचान कर उससे लाभ प्राप्त कर लेते हैं। वहीं कुछ लोग मूर्खतावश सही मौके को समझ नहीं पाते और सफलता, सुख-समृद्धि से मुंह मोड़ लेते हैं।

एक लड़का था, नाम था उसका सुखीराम। वह बहुत परेशान और दुखी था। सुखीराम के पास कोई खुश होने की कोई वजह नहीं थी। वह शिवजी का भक्त था। उसने भगवान की भक्ति से अपनी किस्मत बदलने की सोचा। अब वह दिन-रात भगवान की भक्ति में डूबा रहता। कुछ ही समय में परमात्मा उसकी श्रद्धा से प्रसन्न हो गए और उसके समक्ष प्रकट हो गए।

भगवान को अपने सामने देखकर सुखीराम ने अपने दुखी जीवन की कहानी सुनाना शुरू कर दी। वह विनती करने लगा कि उसे सभी सुख और ऐश्वर्य के साथ-साथ सुंदर और गुणवान पत्नी भी मिल जाए। इस पर शिवजी ने उसे अपनी किस्मत बदलने के लिए तीन मौके देने की बात कही। शिवजी ने कहा कि कल तुम्हारे घर के सामने से तीन गाय निकलेगी। किसी भी एक गाय की पूंछ पकड़ कर उसके पीछे-पीछे चले जाना तुम्हें सभी सुख प्राप्त हो जाएंगे। ऐसा वर पाकर सुखीराम खुश होकर अपने घर लौट आया। वह सुबह उठकर अपने घर के बाहर गाय के निकलने की प्रतिक्षा करने लगा। थोड़ी ही देर में एक सुंदर सुजसज्जित गाय निकली, उसे देखकर सुखीराम सोचने लगा कि दो गाय और आना है, शायद अगली गाय और ज्यादा धन, वैभव और सुख-समृद्धि देने वाली हो। इतना सोचते-सोचते वह पहली गाय उसके सामने से निकल गई। दूसरी गाय आई, वह बहुत ही गंदगी लिए हुए थी, उसके पूरे शरीर पर गोबर लगा हुआ था। उसे देखकर सुखीराम सोचने लगा इतनी गंदी गाय के पीछे कैसे जा सकता हूं? और वह तीसरी गाय का इंतजार करने लगा। तीसरी गाय आई तो उसकी पूंछ ही नहीं थी। सुखीराम सिर पकड़कर बैठ गया और अपनी किस्मत को कोसने लगा।

कहानी का सारंश यही है कि सही मौका मिलते ही उसका लाभ उठाने में ही समझदारी है, अन्य अवसरों की प्रतिक्षा करने से अच्छा है जो भी मौका मिला है उसका फायदा उठा लेना चाहिए।

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