सुख अर्जित करना एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
पढ़ा-लिखा हो या बिना पढ़ा-लिखा,
आजकल इतना सक्षम और जुगाड़ू तो आदमी होता ही जा रहा है
कि इधर-उधर से सुख उठा ही लेता है।
"""""""""सुख की सामान्य परिभाषा है कि जो हमारे अनुकूल हो, वह सुख तथा विपरीत हो वह दुख"""""""""
सुख अर्जित करना बहुत कठिन काम नहीं है।
परंतु सवाल यह है कि शांति कहां से लाएंगे?
यह तो आदमी को खुद अर्जित करनी पड़ेगी। सुख के साथ जब शांति होगी,
तभी सफलता सही और स्थायी होगी तथा जीवन सुंदर होगा।
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