Monday, May 30, 2011
जो सुख समर्पण में है, वह अकड़ने में नहीं है............
जो सुख समर्पण में है, वह अकड़ने में नहीं है। जो अकड़ता है, यमराज (मौत) उसे जल्दी पकड़ता है। अहंकारी अल्पजीवी होता है, कभी ख्याल किया, तुम्हारे मुख में जो जीभ है, वह जन्म से आती है और मृत्यु तक साथ रहती है, लेकिन दांत जन्म के कई महीनों बाद आते हैं और बुढ़ापे में मृत्यु से पूर्व ही चले जाते हैं, टूट जाते हैं। इसका क्या कारण है? कारण स्पष्ट है– दांत कठोर होते हैं और कठोरता स्वयं के बिखराव का कारण है। जो कठोर होगा वह जल्दी मिटेगा। जीभ मृदु होती है और मृदुता अपने अस्तित्व के ठहराव का कारण है। जो मृदु होगा, उसे मौत कभी नहीं मिटाएगी। वह देर–सबेर मरेगा तो, लेकिन वह मर कर भी अमर हो जाएगा।
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